Thursday 31 March 2016

ब्लड प्रेशर को कैसे रखें नियंत्रित





उच्च रक्तचाप या Hypertension, जिसे हम बोलचाल की भाषा में High BP भी कहते हैं यह एक ज्वालामुखी की तरह हैं। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को काफी समय तक कोई लक्षण नजर नहीं आता हैं। ज्वालामुखी की तरह ही यह ऊपर से शांत रहता है पर जब यह फूटता है तब रोगी को लकवा, ह्रदय रोग, गुर्दे / किडनी की बीमारी इत्यादि गंभीर परिणाम हो जाते हैं।

उच्च रक्तचाप को काबू में करने के लिए हमें अपने डॉक्टर की सलाह अनुसार नियमित दवा लेनी चाहिए। दवा लेने के साथ-साथ हमें कुछ विशेष बातों का ख्याल भी रखना चाहिए जिससे की दवा की मात्रा कम रहे और शरीर के अन्य उपयोगी अंग जैसे की गुर्दे / Kidney, यकृत / Liver, ह्रदय / Heart और रक्त वाहिनियों पर होनेवाले side effects से बचा जा सके।

उच्च रक्तचाप / Hypertension या हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने के लिए हमें निचे दिए हुए सुझाव और बातों का ख्याल रखना चाहिए :


1. नमक / Salt : खाने में उपयोग किये जानेवाले नमक में Sodium का प्रमाण ज्यादा होता हैं। Sodium की अधिकता से शरीर में water retention अधिक होता है जिससे शरीर पर सूजन आती है और रक्तचाप बढ़ जाता हैं। रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तिओं ने दिनभर में 2400 mg से अधिक नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। खाने के एक चमच्च में लगभग 2500 mg नमक आता हैं।

2. ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग न करे जैसे की - अचार, पापड़, चिप्स, सॉस, कोल्ड ड्रिंक्स इत्यादि।

3. खाने की मेज पर अपने पास नमक की डिबिया न रखे।

4. आपके आहार में नमक का इस्तेमाल कम करे। नमक के कमी के कारण खाने में स्वाद की कमी महसूस होने पर निम्बू का रस छिड़क दे।

5. आप चाहे तो अपने डॉक्टर की सलाह लेकर आहार में Low Sodium (LONA) Salt का इस्तेमाल कर सकते हैं।

★ संतुलित आहार / Balanced diet : अपने आहार में साबुत अनाज, फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, कम fat युक्त दुग्धजन्य पदार्थ का समावेश कर आप अपने रक्तचाप के पारे / mercury को 10 से 15 mmHg तक निचे ला सकते हैं। आप जरा सी सावधानी बरत कर खाने का मजा भी ले सकते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित भी कर सकते हैं।

1. आप क्या आहार लेते है इसकी लिस्ट बनाये और अपने डॉक्टर / डायटीशियन को बताये। आहार में उचित बदलाव कर आप स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं।

2. Hypertension के रोगी को ज्यादा मात्रा में भोजन नहीं करना चाहिए साथ ही गरिष्ठ भोजन से भी परहेज करना चाहिए।

3. पालक, गोभी, बथुआ जैसी सब्जियों का सेवन करने से Blood pressure सामान्य रहने में मदद होती हैं।

4. बादाम, बिना मलाई का दूध, छाछ, सोयाबीन का तेल, गुड और शहद का सेवन कर सकते हैं।

5. आहार में Potassium युक्त सब्जिया और फल का इस्तेमाल ज्यादा करे। Potassium के कारण शरीर में Sodium का असर कम हो जाता हैं।

6. बाजार से कोई भी सामान खरीदते समय पहले Food label पढ़ने की आदत डाले।
जो आहार आपके स्वास्थ्य के लिए सही है वही ख़रीदे और इस्तेमाल करे। याद रहे - जो व्यक्ति आपने आहार को नियंत्रण में नहीं रख सकता वह कभी अपने स्वास्थ्य को भी नियंत्रण में नहीं रख सकता हैं।

गर्मियों में घमौरियों से पाएं राहत




गरमी के दिनों में पसीना मरने या त्वचा में सूख जाने के कारण शरीर पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं| इन्हीं को घमौरियां या अंधौरी कहते हैं| यह धूप में अधिक देर तक काम करने के कारण निकलती हैं|
नुस्खे
घमौरियों पर करेले का रस मलिए|
मेहंदी पीसकर घमौरियों पर लेप लगाने से वे चली जाती हैं|
नारंगी या संतरे के छिलकों को सुखाकर उसका चूर्ण घी में मिलाकर घमौरियों पर लगाएं|
बर्फ मलने से घमौरियां नष्ट हो जाती हैं|
दूध में मुलतानी मिट्टी मिलाकर घमौरियों पर लेप करें|
जीरे को पीसकर देशी घी में मिलाकर घमौरियों पर लगाएं|
सरसों के तेल में नमक मिलाकर घमौरियों पर मालिश करें|
बकरी के दूध में बर्फ मिलाकर शरीर पर मलें|
सरसों के तेल में जरा-सा नीम का तेल मिलाकर शरीर पर लगाएं|
हल्दी को पीसकर शहद में मिलाकर घमौरियों पर लगाएं|

पैर के दर्द का घरेलू उपचार






पैरों और टांगों में नसों का ऐंठना फूलना व सूजना - टांगों में ऐंठन - नस पर नस का चढ़ जाना - मांस-पेशियाँ में दर्द होना जैसे कि पिंडली में (टांग के पीछे) - माँस-पेशियों की ऐंठन :
कई लोगों को रात में सोते समय टांगों में एंठन की समस्या होती है। नस पर नस चढ़ जाती है। कई लोगों को टांगों और पिंडलियों में मीठा - 2 दर्द सा भी महसूस होता है। पैरों में दर्द के साथ ही जलन, सुन्न, झनझनाहट या सुई चुभने जैसा एहसास होता है।
ऐसा कई कारणों से होता है। कुछ दिन पहले मैने 'पैरों के तलवों में दर्द - कारण व् निवारण' विषय पर लिखा था।
आज की समस्या - 'ऐंठन' के कारण भी उसी से बहुत सीमा तक मिलते जुलते हैं. मेरे विचार में इसके प्रमुख कारण हैं :
कारण :
- अनियंत्रित मधुमेह (रक्त में शक्कर का स्तर)
- शरीर में जल, रक्तमें सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम स्तर कम होने
- पेशाब ज्यादा होने वाली डाययूरेटिक दवाओं जैसे लेसिक्स सेवन करने के कारण शरीर में जल, खनिज लवण की मात्रा कम होने
- मधुमेह, अधिक शराब पीने से, किसी बिमारी के कारण कमजोरी, कम भोजन या पौष्टिक भोजन ना लेने से, 'Poly-neuropathy' या नसों की कमजोरी।
- कुछ हृदय रोगी के लिये दवायें जो कि 'Beta-blockers' कहलाती हैं, वो भी कई बार इसका कारण होती हैं।
- कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा सेवन करने से.
- अत्यधिक कठोर व्यायाम करने, खेलने, कठोर श्रम करने से.
- एक ही स्थिति में लंबे समय तक पैर मोड़े रखने के कारण और पेशियों की थकान के कारण हो सकता है।
- पैर की धमनियोंकी अंदरूनी सतह में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से, इनके संकरे होने (एथ्रीयो स्कोरोसिस) के कारण रक्त प्रवाह कम होने पर,
- पैरों की स्नायुओं के मधुमेह ग्रस्त होने
- अत्यधिक सिगरेट, तंबाकू, शराब का सेवन करने, पोष्क तत्वों की कमी, संक्रमण से।
घरेलू उपचार :
- आराम करें। पैरों को ऊंचाई पर रखें।
- प्रभाव वाले स्थान पर बर्फ की ठंडी सिकाई करे। सिकाई 15 मिनट, दिन में 3-4 बार करे।
- अगर गर्म-ठंडी सिकाई 3 से 5 मिनट की (दोनों तरह की बदल-2 कर) करें तो इस समस्या और दर्द - दोनों से राहत मिलेगी।
- आहिस्ते से ऎंठन वाली पेशियों, तंतुओं पर खिंचाव दें, आहिस्ता से मालिश करें।
- वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैरों में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।
- यदि आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं, तो परहेज, उपचार से नियंत्रण करें।
- शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।
-सही नाप के आरामदायक, मुलायम जूते पहनें।
- अपना वजन घटाएं। रोज सैर पर जाएं या जॉगिंग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं।
- फाइबर युक्त भोजन करें जैसे चपाती, ब्राउन ब्रेड, सब्जियां व फल। मैदा व पास्ता जैसे रिफाइंड फूड का सेवन न करें।
- लेटते समय अपने पैरों को ऊंचा उठा कर रखें। पैरों के नीचे तकिया रख लें, इस स्थिति में सोना बहुत फायदेमंद रहता है।
भोजन :
- भोजन में नीबू-पानी, नारियल-पानी, फलों - विशेषकर मौसमी, अनार, सेब, पपीता केला आदि शामिल करें।
- सब्जिओं में पालक, टमाटर, सलाद, फलियाँ, आलू, गाजर, चाकुँदर आदि का खूब सेवन करें।
- 2-3 अखरोट की गिरि, 2-5 पिस्ता, 5-10 बादाम की गिरि, 5-10 किशमिश का रोज़ सेवन करें।
- अगर आप मांसाहारी हैं तो मछली का सेवन लाभदायक है।
- चिकित्सक से परामर्श लें :
पैरों में दर्द के साथ सूजन, लाली हो और बुखार आ रहा हो, पैर नीला या काला हो गया हो या फिर पैर ठंडा या पीला पड़ गया हो और घरेलू उपचार से राहत नहीं मिल पा रही हो, तो ऎसी स्थिति में चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है।
- पैरों के तलवों पर एक्यूप्रेशर रोलर करनें से दर्द से राहत मिलती है। इस क्रिया में पैरों को रोलर पर रखकर धीरे-धीरे घुमाएं। यह क्रिया दिन में 5-7 बार करनी चाहिए। इसे दो मिनट तक करना पर्याप्त रहता है। रोलर करने से पहले तलवों पर हल्का पाउडर लगाएं। इससे एक्यूप्रेशर आसानी से होगा।
मालिश : पैरों को दबाने या मालिश करने से आराम मिलता है। मालिश करते समय दोनों पैरों के तलवों की ओर अंगूठे के बिल्कुल नीचे पड़ने वाले बिंदु पर दबाव दें। अब पैरों के ऊपर छोटी उंगली के नीचे पड़ने वाले तीन बिंदुओं पर दबाव दें। पैरों के नीचे एड़ी पर पड़ने वाले तीन मास्टर बिंदुओं पर प्रेशर दें।
मालिश के लिए कोई भी तेल काम में लिया जा सकता है। दिन में दो-तीन बार 15-15 सेकंड तक प्रेशर करें और मालिश करें। 2-3 सप्ताह में आपको आराम मिलने लगेगा।
बचाव :
खून में ग्लूकोस की मात्रापर नियंत्रण रखें - यानी की मधुमेह को नियंत्रित रखें. मध्यम
- तीव्रता के व्यायाम करें, जिससे पेशियां, हडि्डयां मजबूत हों और जोड़ लचीले।
- संतुलित भोजन का सेवन करें।
- भोजन में वसा का सेवन कम कपैरों और टांगों में नसों का ऐंठन


निम्बू है कई बिमारियों का इलाज




नींबू : गुण में मीठा, स्वाद में खट्टा
* सुबह-शाम एक गिलास पानी में एक नींबू
निचोड़कर पीने से मोटापा दूर होता है।
* बवासीर (पाइल्स) में रक्त आता हो तो नींबू
की फांक में सेंधा नमक भरकर चूसने से
रक्तस्राव बंद हो जाता है।
* आधे नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर
चाटने से तेज खाँसी, श्वास व जुकाम में लाभ
होता है।
* नींबू ज्ञान तंतुओं की उत्तेजना को शांत
करता है। इससे हृदय की अधिक धड़कन सामान्य
हो जाती है। उच्च रक्तचाप के रोगियों की
रक्तवाहिनियों को यह शक्ति देता है।
* एक नींबू के रस में तीन चम्मच शकर, दो चम्मच
पानी मिलाकर, घोलकर बालों की जड़ों में
लगाकर एक घंटे बाद अच्छे से सिर धोने से
रूसी दूर हो जाती है व बाल गिरना बंद हो
जाते हैं।
* एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर
सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम दो बार नित्य
एक महीना पीने से पथरी पिघलकर निकल जाती
है।
* नींबू को तवे पर रखकर सेंक लें (दो भाग
करके)। उस पर सेंधा नमक डालकर चूसें। इससे
पित्त की दिक्कत खत्म होती है।

कम उम्र में सफेद हुए बालों को काला करने के 25 घरेलू नुस्खे





कम उम्र में बाल सफेद होना आजकल एक आम समस्या है। इस
समस्या के सबसे मुख्य कारण फास्ट लाइफ कल्चर में बालों
की ठीक से देखभाल न हो पाना और
प्रदूषण आदि हैं। ऐसे में कम उम्र में आई सफेदी को
छुपाने के लिए डाई करना या कलर करना ही एकमात्र
विकल्प नहीं है।कुछ घरेलू नुस्खे आजमा कर
भी सफेद बालों को काला किया जा सकता है। हम आपको
बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही सिंपल घरेलू फंडे जिनसे
आप कम उम्र में सफेद हुए बालों को फिर से काला बना सकते हैं।
1. तुरई को काटकर नारियल तेल में उबालें व जब तुरई
काली हो जाए, तब उसे छानकर किसी बोतल
में भर लें। रोजाना इस तेल को बालों में लगाएं। धीरे-
धीरे बाल काले होने लगेंगे।
2. तिल का तेल तो बालों के लिए अच्छा होता ही है।
साथ ही, इसका सेवन भी बहुत लाभ
पहुंचाता है। यदि आप अपने भोजन में तिल को शामिल कर लें तो
आपके बाल लंबे समय तक काले और घने बने रहेंगे।
3. सिर धोने के लिए शिकाकाई पाउडर या माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल
करें।
4. एक कप चाय का पानी उबालकर उसमें एक चम्मच
नमक मिलाएं। इस मिश्रण को बाल धोने से एक घंटे पहले बालों में
लगाएं। बाल काले होने लगेंंगे।
5. नारियल तेल में ताजे आंवला को इतना उबाले कि वह काला हो जाए।
इस मिश्रण को ठंडा करके रात को सोने से पहले बालों में लगा लें व
सुबह बाल धोएं।
6. अदरक को पीसकर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर पेस्ट
बनाएं और अपने सिर पर लगाएं। इस उपाय को रोजाना अपनाने से
सफेद बाल फिर से काले होने लगते हैं।
7. बालों में रोजाना सरसों का तेल लगाने से बाल हमेशा काले रहेंगे।
8. नारियल तेल में मीठे नीम
की पत्तियां को इतना उबाले की पत्तियां
काली हो जाएं। इस तेल के हल्के हाथों से बालों
की जड़ों पर लगाएं। बाल घने व काले हो जाएंगे।
9. रोजाना खाली पेट आंवले का जूस पिएं। बाल
लंबी उम्र तक काले रहेंंगे।
10. सूखे आंवले को पानी में भिगोकर उसका पेस्ट बना
लें। इस पेस्ट में एक चम्मच युकेलिप्टस का तेल मिलाएं। मिश्रण को
एक रात तक लोहे के बर्तन में रखें। सुबह इसमें
दही, नींबू का रस व अंडा मिलाकर बालों पर
लगाएं। बालों में नई जान आ जाएगी। 15 दिन तक यह
प्रयोग करने से सफेद बाल काले होने लगते हैं।
11. आंवला जूस, बादाम तेल व नींबू का जूस मिलाकर
बालों की जड़ों में लगाएं बालों में चमक आ
जाएगी व सफेद भी नहीं
होंगे।
12. बालों में एलोवेरा जेल लगाने से भी बाल गिरना बंद हो
जाते हैं और जल्दी सफेद नहीं होते।
13. रोजाना सुबह थोड़ी मात्रा में आंवला जूस लेने से
भी बाल लंबी उम्र तक काले बने रहते
हैं।
14. कम उम्र में सफेद होते बालों पर एक ग्राम काली
मिर्च में थोड़ा दही मिलाकर सिर में लगाने से
भी लाभ होता है।
15. गाय के दूध का मक्खन लेकर हल्के हाथों से बालों
की जड़ों में लगाएं। जल्द ही फायदा दिखने
लगेगा।
16. आपने अपने घर के बुजुर्गों को सिर पर देसी
घी से मालिश करते हुए देखा होगा। घी से
सिर की त्वचा को पोषण मिलता है। प्रतिदिन
घी से सिर की मालिश करके भी
बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा पाया जा
सकता है।
17. 2 चम्मच हिना पाउडर, 1 चम्मच दही, 1
चम्मच मेथी, 3 चम्मच कॉफी, 2 चम्मच
तुलसी पाउडर, 3 चम्मच पुदीना पेस्ट
मिलाकर बालों में लगाएं। तीन घंटे बाद शैम्पू करें। कम
उम्र में सफेद हुए बाल फिर काले हो जाएंगे।
18. मेहंदी को नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को बालों में लगाने से बालों का रंग आकर्षक डार्क-ब्राउन
होने लगता है।
19. 200 ग्राम आंवला, 200 ग्राम भांगरा, 200 ग्राम
मिश्री, 200 ग्राम काले तिल इन सभी का
चूर्ण बनाकर रोजाना 10 ग्राम मात्रा में लेने से कम उम्र में सफेद
हुए बाल फिर से काले होने लगेंगे।
20. बाल धोने में नींबू पानी का उपयोग करें।
इससे बाल नेचुरली ब्राउन होने लगते हैं व सफेद
नहीं होते हैं।
21. नींबू का रस और नारियल तेल मिलाकर स्कल्प पर
नियमित रूप से लगाने पर बाल काले होते हैं।
22. आंवला व आम की गुठली को
पीसकर उसे सिर में लगाने से सफेद बाल काले हो
जाएंगे।
23. बालों में नीम का तेल व रोज मेरी तेल का
इस्तेमाल करने से बाल सफेद नहीं होते हैं।
24. प्याज का रस निकालकर उसे बालों की जड़ों में
हल्के हाथों से लगाएं बाल घने व काले होने लगेंगे।
25. आंवला पाउडर में नींबू का रस मिलाकर या ताजे हरे
आंवले को पीसकर सिर में लगाने से बाल घने व काले हो
जाते हैं।

लहसुन के अनेक फायदे :



लहसुन सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता बल्कि शरीर के लिए एक औषधी की तरह भी काम करता है।इसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, लवण और फॉस्फोरस, आयरन व विटामिन ए,बी व सी भी पाए जाते हैं। लहसुन शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है। भोजन में किसी भी तरह इसका सेवन करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है आज हम बताने जा रहे हैं आपको औषधिय गुण से भरपूर लहसुन के कुछ ऐसे ही नुस्खों के बारे में जो नीचे लिखी स्वास्थ्य समस्याओं में रामबाण है।


1-- 100 ग्राम सरसों के तेल में दो ग्राम (आधा चम्मच) अजवाइन के दाने और आठ-दस लहसुन की कुली डालकर धीमी-धीमी आंच पर पकाएं। जब लहसुन और अजवाइन काली हो जाए तब तेल उतारकर ठंडा कर छान लें और बोतल में भर दें। इस तेल को गुनगुना कर इसकी मालिश करने से हर प्रकार का बदन का दर्द दूर हो जाता है।


2-- लहसुन की एक कली छीलकर सुबह एक गिलास पानी से निगल लेने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है।साथ ही ब्लडप्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।


3-- लहसुन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है।


4-- खांसी और टीबी में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन के रस की कुछ बूंदे रुई पर डालकर सूंघने से सर्दी ठीक हो जाती है।


5-- लहसुन दमा के इलाज में कारगर साबित होता है। 30 मिली लीटर दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है। अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है।


6-- लहसुन की दो कलियों को पीसकर उसमें और एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर क्रीम बना ले इसे सिर्फ मुहांसों पर लगाएं। मुहांसे साफ हो जाएंगे।


7-- लहसुन की दो कलियां पीसकर एक गिलास दूध में उबाल लें और ठंडा करके सुबह शाम कुछ दिन पीएं दिल से संबंधित बीमारियों में आराम मिलता है।


8-- लहसुन के नियमित सेवन से पेट और भोजन की नली का कैंसर और स्तन कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है।


9-- नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित रहता है। एसीडिटी और गैस्टिक ट्रबल में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को भी नियंत्रित करती है।


10-- लहसुन की 5 कलियों को थोड़ा पानी डालकर पीस लें और उसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें। इस उपाय को करने से सफेद बाल काले हो जाएंगे।


11- यदि रोज नियमित रूप से लहसुन की पाँच कलियाँ खाई जाएँ तो हृदय संबंधी रोग होने की संभावना में कमी आती है। इसको पीसकर त्वचा पर लेप करने से विषैले कीड़ों के काटने या डंक मारने से होने वाली जलन कम हो जाती है।


12- जुकाम और सर्दी में तो यह रामबाण की तरह काम करता है। पाँच साल तक के बच्चों में होने वाले प्रॉयमरी कॉम्प्लेक्स में यह बहुत फायदा करता है। लहसुन को दूध में उबालकर पिलाने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। लहसुन की कलियों को आग में भून कर खिलाने से बच्चों की साँस चलने की तकलीफ पर काफी काबू पाया जा सकता है। जिन बच्चों को सर्दी ज्यादा होती है उन्हें लहसुन की कली की माला बनाकर पहनाना चाहिए।

13- लहसुन गठिया और अन्य जोड़ों के रोग में भी लहसुन का सेवन बहुत ही लाभदायक है।

लहसुन की बदबू-


अगर आपको लहसुन की गंध पसंद नहीं है कारण मुंह से बदबू आती है। मगर लहसुन खाना भी जरूरी है तो रोजमर्रा के लिये  आप लहसुन को छीलकर या पीसकर दही में मिलाकर खाये तो आपके मुंह से बदबू नहीं आयेगी।  लहसुन खाने के बाद इसकी बदबू से बचना है तो जरा सा गुड़ और सूखा धनिया मिलाकर मुंह में डालकर चूसें कुछ देर तक, बदबू बिल्कुल निकल जायेगी।

पेट की गैस के घरेलू उपचार


पेट की गैस के कारण :

पेट में बैक्टीरिया की ‘ओवरप्रोड्क्शन’ होना।

जिस आहार में बहुत ज्यादा फाइबर होता है।

मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से।

पाचन संबंधी विकार।

बींस, राजमा, छोला, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से।

खाने के बाद कोल्ड ड्रिंक लेने से, क्योंकि इसमें गैसीय तत्व होते हैं।

बासी खाना खाने से और खराब पानी पीने से भी गैस हो जाती है।

पेट की गैस के घरेलू उपचार :


  1. भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद होता है। यदि उस पर काला नमक डालकर खाया जाये तो लाभ अधिक मिलता है। पथरी के रोगी को कच्चे टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।
  2. आधा चम्मच सूखा अदरक पाउडर लें और उसमें एक चुटकी हींग और सेंधा नमक मिलाकर एक कप गर्म पानी में डालकर पीएं।
  3. गैस के कारण सिरदर्द होने पर चाय में काली मिर्च पाउडर डालें। वही चाय पीने से लाभ मिलता है।
  4. 2 चम्मच ब्रैंडी को गर्म पानी में कप में डालकर रात को सोने से पहले पिएं।
  5. स्लाइस की हुई कुछ ताजा अदरक नींबू के रस में भिगोकर भोजन के बाद चूमने से राहत मिलेगी।
  6. पेट में या आंतों में एेंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवाइन थोड़ी दें।
  7. भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानों को आधा चम्मच पानी के साथ मिलाकर पिएं।
  8. वायु समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खाना चाहिए।
  9. अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरन्त बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।
  10. अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़ककर दिन में कई बार उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हल्का होगा और भूख खुलकर लगेगी।

बालों की रूसी को ऐसे करें दूर


1. नारियल के तेल में निम्बू का रस पकाकर रोजाना सर की मालिश करें.

2. पानी में भीगी मूंग को पीसकर नहाते समय शेम्पू की जगह प्रयोग करें.

3. मूंग पावडर में दही मिक्स करके सर पर एक घंटा लगाकर धो दें.

4. रीठा पानी में मसलकर उससे सर धोएं.

5. मछली, मीट अर्थात nonveg त्यागकर केवल पूर्ण शाकाहारी भोजन का प्रयोग भी आपकी सर की रूसी दूर करने में सहायक होगा.

सर दर्द से राहत के लिए करें ये घरेलु उपचार



1. तेज़ पत्ती की काली चाय में निम्बू का रस निचोड़ कर पीने से सर दर्द में अत्यधिक लाभ होता है.

2 .नारियल पानी में या चावल धुले पानी में सौंठ पावडर का लेप बनाकर उसे सर पर लेप करने भी सर दर्द में आराम     पहुंचेगा.

3. सफ़ेद चन्दन पावडर को चावल धुले पानी में घिसकर उसका लेप लगाने से भी फायेदा होगा.

4. सफ़ेद सूती का कपडा पानी में भिगोकर माथे पर रखने से भी आराम मिलता है.

5. लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है.

6. लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर २ , ३ बार लगाने से भी दर्द में राहत देगा.

7. चावल धुले पानी में जायेफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सर दर्द में आराम देगा.

8. हरा धनिया कुचलकर उसका लेप लगाने से भी बहुत आराम मिलेगा.

9 .सफ़ेद  सूती कपडे को सिरके में भिगोकर माथे पर रखने से भी दर्द में राहत मिलेगी.